बिहारशरीफ, नवम्बर 2 -- बैकुंठ चतुर्दशी पर बाबा विश्वनाथ को तुलसी अर्पित करेंगे श्रद्धालु 'हर' और 'हरी' के एकाकार का प्रतीक यह पर्व मंदिरों में गूंजेगी भक्ति की स्वर लहरियां, उमड़ेगी भीड़ पावापुरी, निज संवाददाता। चार नवंबर को बैकुंठ चतुर्दशी का पवित्र पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु के एकत्व का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने स्वयं भगवान विष्णु से बैकुंठ धाम का मार्ग प्राप्त किया था, इसलिए इस तिथि को 'बैकुंठ चतुर्दशी' कहा जाता है। हर और हरी के मिलन का अद्भूत पर्व : पंडित सूर्यमणि पांडेय के अनुसार, बैकुंठ चतुर्दशी कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व धर्म, एकता और भक्ति का संदेश देता है। विशेष रूप से इस दिन भगवान शिव को तुलसी दल अर्पित किया जाता है जो...