नई दिल्ली, नवम्बर 2 -- Baikunth Chaturdashi 2025: बैकुंठ चतुर्दशी हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाई जाती है। इस दिन विधि-विधान से भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। बैकुंठ चतुर्दशी को बैकुंठ चौदस भी कहा जाता है। इस दिन काशी यानी वाराणसी में खास रौनक रहती है। यहां बाबा विश्वनाथ का पंचोपचार विधि से पूजन और भव्य महाआरती की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा निशीथकाल यानी मध्यरात्रि में की जाती है, जबकि भगवान शिव की पूजा अरुणोदयकाल में यानी सूर्योदय से पहले के समय में की जाती है।भक्त काशी के मणिकर्णिका घाट पर प्रातःकाल स्नान करते हैं, जिसे मणिकर्णिका स्नान कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह स्नान आत्मा को शुद्ध करता है। इस पावन दिन भगवान शिव को तुलसीदल अर्पित करते हैं और भगवान विष्णु को बेलपत्र चढ़ाते हैं। धार्म...