नई दिल्ली, दिसम्बर 11 -- अरुण चट्ठा नई दिल्ली। वाणिज्यक बैंक व डिजिटल लोन ऐप अब अपने स्तर पर मनमर्जी से ऋण सीमा को नहीं बढ़ा सकेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया कि ग्राहक की लिखित मंजूरी के बाद ही ऋण सीमा को बढ़ाया जा सकता है। बैंकों की ऋण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए आरबीआई ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उसने डेटा संरक्षण को लेकर साफ किया है कि बिना ग्राहक की मंजूरी के उसका डेटा किसी थर्ड पार्टी से साझा नहीं किया जा सकता। आरबीआई ने ऋण से जुड़ी अन्य प्रक्रिया पर नियमों को स्पष्ट किया हैं। गौरतलब है कि बैंकों द्वारा अपनी मर्जी से ऋण सीमा बढ़ाए जाने को लेकर लगातार आरबीआई को शिकायतें मिल रही थीं। खासकर छोटी धनराशि वाले कर्ज को लेकर शिकायतें सबसे अधिक थीं। उदाहरण के लिए अगर किसी ग्राहक ने 20 हजार का ऋण मंजूर कराया और तय किस्तों ...