हापुड़, मार्च 7 -- गढ़मुक्तेश्वर। बैंकों के भारी भरकम कर्ज की अदायगी न होने के कारण दिवालिया घोषित हो चुकी सिंभावली चीनी मिल की मुसीबत थमने का नाम लेने को तैयार नहीं हैं। अपना ही भुगतान लेने को एक साल से अधिक की बाट जोहने वाले किसान अब संशय गहराने पर दूसरी मिलों को गन्ना बेचना कहीं अधिक मुनासिब मान रहे हैं। प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की नामी गिरामी चीनी मिलों में शुमार होने वाली सिंभावली शुगर मिल की मुसीबत थमने की बजाए लगातार बढ़ती जा रही हैं। मिल संचालन के लिए बैंकों से लिया हुआ सैकड़ों करोड़ का कर्ज और उसका ब्याज अदा न होने पर एनसीएलटी कोर्ट ने पिछले साल 12 जुलाई में मिल को दिवालिया घोषित करते हुए संचालन जारी रखने के उद्देश्य से अनुराग गोयल को आईआरपी नियुक्त कर दिया था। परंतु इसके बाद भी बैंक कर्ज की अदायगी होना तो दूर बल्कि अन्य देनदारार...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.