रांची, अक्टूबर 31 -- रांची, संवाददाता। बिहार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक में आठ करोड़ रुपए के ऋण फर्जीवाड़े के 18 साल पुराने मामले में ट्रायल फेस कर रहे तत्कालीन मैनेजर समेत पांच आरोपियों को एसीबी के विशेष न्यायाधीश ओंकार नाथ चौधरी की अदालत ने शुक्रवार को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। बरी होने वालों में मैनेजर युगल प्रसाद गुप्ता, डिप्टी मैनेजर परमेश्वर चौधरी, क्लर्क मिथिलेश कुमार सिंह, मंजू कुमारी एवं अजय कुमार शामिल हैं। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह महाराणा ने अदालत में पक्ष रखा था। मामला वर्ष 2000 से 2004 के बीच बैंक की हिनू स्थित शाखा से फर्जी नामों पर आठ करोड़ से अधिक के ऋण घोटाले से जुड़ा है। इस घोटाले को लेकर बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अरुण कुमार ने दो मार्च 2007 को डोरंडा थाना में फर्जीवाड़े और आपराधिक सा...