नई दिल्ली, जुलाई 30 -- वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को संसद को बताया कि सरकारी बैंकों (PSBs) ने पिछले पांच सालों (2020-21 से 2024-25 तक) में ग्राहकों से "न्यूनतम औसत मासिक शेष" (Minimum Average Balance - MAB) न रखने पर करीब 9,000 करोड़ रुपये (8,932.98 करोड़ रुपये) का जुर्माना वसूला। यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में दी।बैंकों ने अब रुख बदला यह खुलासा ऐसे समय हुआ है जब हाल ही में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने भी कई अन्य सरकारी बैंकों के साथ जुड़कर इस जुर्माने को खत्म करने की घोषणा की। बैंक ने कहा कि यह कदम "ग्राहकों के लिए बुनियादी बैंकिंग सेवाओं को समानता, निष्पक्षता और बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने" के लिए है।किन बैंकों ने खत्म किया जुर्माना? वित्त मंत्रालय के अनुसार, इसी तिमाही से केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौ...