नई दिल्ली, अक्टूबर 25 -- दिल्ली की हवा को साफ करने के लिए सरकार ने अक्टूबर के आखिर में 'क्लाउड-सीडिंग' से कृत्रिम बारिश कराने का प्लान बनाया है। आईआईटीएम की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में पहली बार 1957 में मानसून के समय कृत्रिम बारिश का प्रयोग हुआ था। हाल के सालों में सर्दियों में दिल्ली को हवा में प्रदूषण की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ा है।तीसरी बार कोशिश भाजपा सरकार की 'क्लाउड-सीडिंग' से कृत्रिम बारिश कराने की यह तीसरी कोशिश है। गुरुवार को बुराड़ी इलाके में विशेषज्ञों ने इस प्रदूषण नियंत्रण के तरीके का सफल टेस्ट किया। आईआईटीएम की रिपोर्ट बताती है कि दूसरी कोशिश 1970 के दशक की शुरुआत में सर्दियों में हुई थी।कब-कब हुआ प्रयोग? रिपोर्ट के अनुसार, 1971-72 में कृत्रिम बारिश का टेस्ट नेशनल फिजिकल लैबोरेट्री के कैंपस में किया गया, जिसमें मध्...