रांची, अप्रैल 25 -- रांची, विशेष संवाददाता। रांची वीमेंस कॉलेज में शुक्रवार को विशेष एकल व्याख्यान कार्यक्रम हुआ। इसमें वरिष्ठ कथाकार, कवि और आलोचक रणेंद्र ने भारत के इतिहास में बाइनरी और वर्चस्व पर व्याख्यान दिया। कहा कि जिस प्रकार कई छोटी-बड़ी पुस्तकों, ग्रंथों, पत्रिकाओं से मिलकर कोई पुस्तकालय बनता है, उसी तरह वैदिक, पौराणिक, लौकिक, जनजातीय परंपराओं ने मिलकर हमारे देश की सांस्कृतिक चेतना को समृद्ध किया है। विविधता, बहुलता और बहुरंगीपन ही भारत की विशेषता है। कहा कि बेहतर भविष्य के लिए नई पीढ़ी को अपनी सोच विकसित और समृद्ध करनी होगी। उन्होंने कहा कि यह समझना होगा कि विभिन्न सत्ताओं ने तथ्यों, भावों और धारणाओं को एक-दूसरे के विपरीत रूप में पेश किया है। जैसे, स्त्री-पुरुष की ही बात करें तो स्पष्ट होता है कि सत्ता ने जो बाइनरी गढ़ी उससे हमा...
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