विधि संवाददाता, सितम्बर 11 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें मनमाने ढंग से काम करने की आदत है। अधिकारी याचियों को परेशान करने के लिए जानबूझकर कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करते हैं। कोर्ट ने यह टिप्प्णी 2018 के आदेश का अब तक पालन नहीं करने पर की। साथ ही कहा कि यदि 2018 के आदेश का पालन नहीं किया जाता तो अगली सुनवाई पर अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव बेसिक शिक्षा और राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के निदेशक को कोर्ट में उपस्थित होना होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने उज्जमा व एक अन्य की याचिका पर दिया है। रामपुर की याची उज्जमा व चेतना सैनी 2011 में प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में शामिल हुई थीं। जाति प्रमाण पत्र में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए बेसिक शिक्षा विभ...