अलीगढ़, नवम्बर 24 -- अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। निजी अस्पताल अपने मुनाफे के महल खड़े करते-करते मरीजों की सुरक्षा को जमीन के नीचे धकेल चुके हैं। बेसमेंट, जो आपात स्थितियों में सबसे जोखिम भरा माना जाता है, वहां वार्ड, लैब और ओपीडी तक संचालित किए जा रहे हैं। न हवा जाने का रास्ता, न रोशनी, न सुरक्षित निकासी, फिर भी फाइलों में सब कुछ अनुमोदित है। रविवार को हिंदुस्तान की टीम ने क्वार्सी बाईपास और नौरंगाबाद क्षेत्र में पड़ताल की तो हालात ऐसे मिले कि एक चिंगारी भी बड़े हादसे का सबब बन सकती है। सवाल यह है कि नियमों के नाम पर किसका शासन चल रहा है, अस्पताल संचालकों का या विभाग की चुप्पी का? अलीगढ़ के कई निजी अस्पतालों में इलाज नहीं, बल्कि जोखिमों का अड्डा पनप रहा है। डॉक्टरों के सफेद कोट और बड़े-बड़े बोर्डों के पीछे जो हकीकत छिपी है, वह मरीजों की जान...