अलीगढ़, नवम्बर 20 -- अलीगढ़। लोकेश शर्मा। निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज भगवान भरोसे नहीं, बेसमेंट भरोसे चल रहा है। हालत यह कि स्वास्थ्य विभाग की चौखट पर बैठकर भी अस्पताल अपनी मनमर्जी से गहरे अंधेरों में इलाज का कारोबार चला रहे हैं। नियम कहते हैं कि मरीजों को रोशनी, हवा और सुरक्षित माहौल चाहिए, पर अस्पतालों की सोच है कि 'काम चल रहा है. तो चलने दो।' हिंदुस्तान की टीम ने बुधवार को जब सच्चाई टटोली तो रामघाट रोड से क्वार्सी बाईपास तक हालात ने चौंका दिया। ओपीडी, डायलिसिस, एक्सरे, आईसीयू. सब वहीं, जहां मरीजों को कभी भेजा ही नहीं जाना चाहिए। सवाल यह है कि विभाग सो रहा है या सोने का नाटक कर रहा है? निजी अस्पतालों की मनमानी किसी से छिपी नहीं, लेकिन इस बार तस्वीर और भी खौफनाक निकली। शहर के कई अस्पताल भूमिगत होकर इलाज का ऐसा 'अंडरग्राउंड मॉडल' चल...