नई दिल्ली, जून 25 -- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए गाजियाबाद जेल में एक कैदी को जमानत के बावजूद 28 दिन तक जेल में रखने के लिए 5 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का आदेश दिया है। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि इस देरी की न्यायिक जांच की जाए और अगर किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आती है तो यह मुआवजा उनसे वसूला जाए। न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन और न्यायमूर्ति एनके सिंह की पीठ ने कहा, "व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बेकार की तकनीकी त्रुटियों और अप्रासंगिक भूलों की वजह से नहीं छीना जा सकता है। जब जमानत आदेश में अपराध और अभियुक्त की पहचान स्पष्ट हो तो फिर ऐसा क्यों किया गया?" पीठ ने यह भी कहा कि कोई उपधारा न होना क्या इतना बड़ा कारण है कि जेल में कैदी को बंद रखा जाए? उन्होंने इसे कर्तव्य में गंभीर चूक करार दिया।जमान...