हल्द्वानी, मार्च 16 -- हल्द्वानी। कोई भी आरोपी सलाखों के पीछे पहुंचने के बाद जितनी जल्दी हो सके बाहर आने की दुआएं करता है। आरोपी तमाम कोशिश कर जमानत पर किसी तरह रिहा होना चाहते हैं। लेकिन हल्द्वानी जेल में कुछ ऐसे बंदी भी हैं जो बेराजगारी और नशे की डर से जेल नहीं छोड़ना चाहते। जमानत होने के बाद भी ये बंदी अफसरों से कहते हैं कि उन्हें जेल में ही रहना है। ऐसे सभी बंदी नशेड़ी, लूट और मारपीट के आरोपी हैं। हल्द्वानी उपकारागार में 1100 से अधिक बंदी हैं। जिन पर हत्या, लूट, चोरी, डकैती, दुष्कर्म समेत तमाम धाराओं में मुकदमा दर्ज है। ये सभी कैदी यूएसनगर और नैनीताल जिले हैं। इनमें से अधिकांश बंदी नशे की तस्करी, लूट और चोरी के मामले में सलाखों के पीछे पहुंचे हैं। ऐसे मामलों में सात से आठ महीने बाद लोक अदालत में इनके वादों का निस्तारण हो जाता है, लेकि...