एटा, नवम्बर 5 -- कलियुगी बेटों ने बुढापे में मां-बाप का सहारा बनने के बजाए उन्हे घर से बेघर कर दिया। घर से बेघर किए गए बुजुर्ग दंपति के लिए जलेसर कोतवाल सहारा बने। दोनों को प्यार से थाने ले गए और सेवा करते हुए खाना खिलाया और हरसंभव मदद करने का वचन भी दिया। नगर के मोहल्ला महावीरगंज निवासी हरिशंकर मल्लाह, पत्नी कटोरी देवी के तीन लड़के है। हरिशंकर ने बच्चों को पढ़ा लिखा कर पैरों पर खड़ा किया। उनका एक बेटा किसी दूसरे नगर में रहकर कंपनी में कार्य करता है जबकि अन्य दोनों बेटे घर मे रहते हैं। बताया गया है कि चार दिन पूर्व दोनों पुत्रों ने मां-बाप को घर से निकाल दिया था। चार दिन से भूखे पेट रहकर सड़क पर सो रहे थे। बुधवार को न्याय की आस में कोतवाली पहुंचे। जलेसर कोतवाली प्रभारी अमित कुमार को पूरी दास्तां बताई और बच्चों के करतूतों के बारे में भी बताय...