प्रतापगढ़ - कुंडा, अगस्त 14 -- प्रतापगढ़, संवाददाता। भाद्रपद में कृष्ण पक्ष की षष्ठी को ललही छठ भी कहा जाता है। मान्यता है कि महिलाएं संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना के लिए यह व्रत करती हैं। बताया जाता है कि बलराम जी का मुख्य शस्त्र हल और मूसल है। इसलिए उन्हें हलधर भी कहा जाता है कि उन्हीं के नाम पर इस पर्व का नाम हलषष्ठी पड़ा है। हलषष्ठी के दिन माताओं को महुआ की दातुन और महुआ खाने का विधान है। हलषष्ठी व्रत का विशेष महत्व है क्योंकि इसे रखने से व्रती महिलाओं के संतान की सुरक्षा और दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। गुरुवार को व्रती माताओं ने विधि-विधान से मां बेल्हा देवी धाम में पूजन किया। महिलाओं ने ललही छठ व्रत रखकर पूजन के बाद प्रसाद वितरित किया। गुरुवार सुबह पिपरा लालमन, बेलही, परसिया आदि गांवों की महिलाओं ने व्रत रखा। छठ ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.