नई दिल्ली, जुलाई 3 -- हमने जिसे सब-कुछ सौंपा, उसी ने बेसहारा कर दिया...यह दर्द है उन बुजुर्ग माता-पिता का, जिन्होंने 3080 वर्गफुट की संपत्ति और व्यापार अपने बेटे के नाम तो कर दिया, लेकिन बदले में मिली उपेक्षा, तिरस्कार और बेदखली। इस मामले में डीएम कोर्ट ने बेटे के नाम गिफ्ट डीड निरस्त करते हुए संपत्ति उसके माता-पिता के नाम करने का फैसला सुनाया।तहसील से लेकर थाने तक का खटखटाया दरवाजा दरअसल, गिफ्ट डीड में संपत्ति पाने के बाद बेटे के रवैये से टूटे माता-पिता ने तहसील और थाने से लेकर हर दरवाजा खटखटाया, लेकिन कहीं से राहत नहीं मिली। इसके बाद यह पूरा मामला डीएम सविन बंसल की अदालत तक पहुंचा।भरण-पोषण कानून के तहत की कार्रवाई डीएम ने पहली ही सुनवाई में पाया कि इस मामले में गिफ्ट डीड की शर्तों का उल्लंघन किया गया है। उन्होंने भरण-पोषण कानून के तहत क...
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