कोंडागांव, जुलाई 28 -- छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कोंडागांव जिला पुलिस में तैनात एक कांस्टेबल की ओर से फैमिली कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर पुनरीक्षण याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि बेटी को भरण-पोषण देना पिता की नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी है, जिससे वह भाग नहीं सकता। कांस्टेबल ने अपनी 6 साल की बेटी को भरण-पोषण देने के फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि बेटी को भरण-पोषण देना पिता की नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी है, जिससे वह भाग नहीं सकता। मामले में कांस्टेबल की पत्नी ने अम्बिकापुर के फैमिली कोर्ट में धारा 125 सीआरपीसी के तहत याचिका लगाई थी। उन्होंने पति पर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना, छोड़ देने तथा बेटी की देखरेख नहीं करने जैसे आरोप लगाए थे। साथ ही 30000 रुपए प्रतिमाह भरण-पोषण की मांग की थी। फैमिल...