फरीदाबाद, फरवरी 17 -- फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में बिहार के सीतामढ़ी जिले से पहुंची हस्तशिल्पी ज्योत्सना दशकों से विलुप्त होती सिक्की आर्ट को दोबारा से जीवित करने के लिए संघर्ष कर रही हैं। सिक्की आर्ट को बचाने के उनके संघर्ष को पर्यटकों द्वारा सराहा जा रहा है। सिक्की आर्ट से तैयार की जाने तस्वीरें किसी के भी घर की दीवारों को शोभा बढ़ा सकती हैं। एक तस्वीर को तैयार को तैयार में करने में पांच से छह घंटे का समय लगता है। यह बिहार के मिथिलांचल की प्रमुख कलाओं में से एक है। ज्योत्सना 17 वर्ष की उम्र से सिक्की आर्ट पर काम कर रही हैं। इस आर्ट की वजह से वर्ष 2017 में राज्य पुरस्कार मिला था, जबकि वर्ष 2014 में राष्ट्रीय मेरिट सूची में नाम शामिल था। इसके अलावा यूरोप के कई देशों और काठमांडू जाने का अवसर मिला है। यहां पर ...