धराली, अगस्त 11 -- धराली अब मलबे के ढेर में तब्दील हो चुका है, जहां कभी आबाद घर हुआ करते थे, वहां अब विनाशकारी सैलाब के निशां ही दिख रहे हैं, बेघर परिवारों ने नाते-रिश्तेदारों के यहां शरण ले रखी है, उनको फिर से घर बसाने की चिंता सता रही है, सैलाब सब कुछ बहा कर ले गया, उनके पास बचा हुआ है तो सिर्फ तन का कपड़ा।रजनी ने गांव में ले रखी है शरण धराली की रजनी देवी बेघर हो गई। पांच साल पहले रजनी के देवी के पति की मौत हुई। इसके बाद खुद किसी तरह परिवार की जिम्मेदारी उठा रही थी, लेकिन आपदा ने उसको बुरी तरह तोड़ दिया है। रजनी ने बच्चों के साथ गांव में दूसरे लोगों के यहां शरण ले रखी है, रजनी को भविष्य की चिंता सता रही है।किराये का कमरा लेकर रह रहे तीन भाई धराली के भूपेंद्र पंवार, सतेंद्र पंवार और धीरेंद्र पंवार का घर और होटल के साथ सब कुछ बह गया। दो भाइ...