बुलंदशहर, अप्रैल 9 -- बुलंदशहर। बेटे को पाने के लिए 15 साल से भटक रही उर्मिला की बुधवार को मुराद पूरी हो गई। बिछड़े बेटे को पुलिस ने मां से मिला दिया। बेटे को गले लगाने के बाद उर्मिला की आंखों से आंसू की धारा बहने लगी और उसने अधिकारियों को धन्यवाद दिया। खास बात यह है कि बेटे का ठिकाना मालूम होने के बाद भी वह उसे पाने के लिए पिछले 15 वर्षों से अफसरों के दफ्तर के चक्कर काट रही थी, लेकिन उसने हार नहीं मानी। किसी शायर ने ठीक ही कहा है आंख में आंसू देख हमारे चुप कर रोती है, खुश करने को हमें वह प्यार के बीज बोती है हां मां तो बस मां होती है। मूलरूप से बिहार निवासी उर्मिला की करीब 20 साल पहले नरसेना निवासी सुशील के साथ शादी हुई थी। शादी के बाद उर्मिला ने एक बेटे को जन्म दिया जिसका नाम हरिओम रखा गया। हरिओम के जन्म के बाद पिता सुशील की मृत्यु हो ग...