शामली, अप्रैल 9 -- मगंलवार को श्री बाला जी धाम मे आयोजित सुन्दरकांड़ मे आचार्य प. रामानुज शास्त्री ने कहा कार्य को समय पर ना करना और स्वयं ना करना यह आज तनाव और अशांति का प्रमुख कारण है। इसी वजह से आदमी का दिन का चैन और रात का चैन चला गया। आपका उठना, वैठना, खाना, पीना, कार्य करना सब समय पर हो और सही तरीके से हो तो सफलता भी मिलेगी और विश्राम भी मिलेगा उन्होंने कहा बुरी संगति हमारे व्यवहार को भी अशुद्ध कर देती है। हम कितना भी भजन कर लें, ध्यान कर लें लेकिन हमारा संग गलत है तो हमारे द्वारा पढ़े गये ग्रंथ , हमारे द्वारा अर्जित ज्ञान और हमारे द्वारा सुना हुआ सत्संग कुछ भी आचरण में नहीं उतर पायेगा। साधना के जगत में संग का अति विशेष महत्व है। व्यवहार की शुद्धि के लिए महापुरुषों का संग अवश्य होना चाहिए। आपको धनवान होना है तो धनी लोगों का संग करें,...