नई दिल्ली, मार्च 11 -- वैदिक ज्योतिष के अनुसार ज्येष्ठा नक्षत्र राशि चक्र का 18वां नक्षत्र है। यह नक्षत्र वृश्चिक राशि में आता है। ज्येष्ठा नक्षत्र के स्वामी बुध ग्रह और देवता इंद्र हैं। ज्येष्ठा नक्षत्र को गंड मूल नक्षत्र भी कहा जाता है। इस नक्षत्र में जन्मे लोगों के बारे में कहा जाता है कि यह लोग हर काम को पूरी निष्ठा से करते हैं। इस नक्षत्र में जन्मे लोग दयालु और सहानुभूतिशील होते हैं। ऐसे व्यक्ति सुरक्षा से जुड़े कामों में सफल होते हैं। यह लोग सरकारी कर्मचारी, संवाददाता, गुप्तचर, शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में जा सकते हैं। ऐसे व्यक्ति नेता, प्रधान अथवा कवि हो सकते हैं। इस नक्षत्र का प्रतीक एक झुमके या ताबीज जैसा प्रतीत होता है। इस नक्षत्र के चारों चरण वृश्चिक राशि से लेकर धनु राशि तक फैले हैं। इसके चारों चरणों के अलग-अलग फल होते हैं प्र...