कानपुर, नवम्बर 24 -- छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) की आचार्य विद्यासागर सुधासागर जैन शोध पीठ की ओर से चल रही सात दिवसीय संगोष्ठी का सोमवार को समापन हुआ। संगोष्ठी में भारतीय संस्कृति को जैन न्याय की उपयोगिता विषय पर मंथन हुआ। दिल्ली स्थित बीएल इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रो. विजय कुमार जैन ने कहा कि हमें संसार, शरीर एवं भोगों की अनित्यता पर विचार बौद्धदर्शन में प्राप्त है। हम कैसे दुखों से निर्वाण को प्राप्त करें यह बौद्धदर्शन के चिंतन का महत्वपूर्ण आयाम है। हमें दृष्टि में परिवर्तनशीलता को दृष्टिगत करना चाहिए। सहिष्णुता एवं समन्वय के सूत्रों को बताना चाहिए। हमें भगवान बुद्ध तथा भगवान महावीर के मार्ग का अनुशीलन कर सुख, शांति को प्राप्त करना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता शोध पीठ के निदेशक प्रो. अशोक कुमार जैन ने की। उन्होंने...