बदायूं, फरवरी 20 -- क्षेत्र के गांव रायपुर बुजुर्ग में चल रही पांच दिवसीय बौद्ध कथा के चौथे दिन धम्मचारिणी रीना शाक्य ने कथा सुनाते हुए कहा जब, सिद्धार्थ 29 वर्ष के थे, तो उन्होंने चार दृश्य देखे जिन्होंने उनके जीवन को बदल दिया। इसके बाद सिद्धार्थ ने अपने राजकीय जीवन को त्याग दिया और एक साधु के रूप में जीवन जीने का निर्णय लिया। उन्होंने छह वर्षों तक तपस्या की और विभिन्न गुरुओं से ज्ञान प्राप्त किया। उनकी शिक्षाएं करुणा, दया, और ज्ञान पर आधारित थीं। इस मौके पर डॉ. बीपी मौर्य, केशव शाक्य, चरण सिंह शाक्य, प्रहलाद शाक्य, पीतांबर शाक्य आदि मौजूद रहे।

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