अलीगढ़, अगस्त 13 -- अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। अंगदान किसी के जीवन की आखिरी उम्मीद बन सकता है। यह चिकित्सा की उपलब्धि होने के साथ मानवीय संवेदनाओं का सर्वोच्च रूप भी है। जनपद में 11 लोगों ने अपनों को किडनी देकर नई जिंदगी दी है। जबकि, 315 लोग नेत्र व देहदान के लिए संकल्पित हैं। इन्हीं में तहसील गभाना की दीपमाला जादौन भी हैं, जिन्होंने अपनी किडनी देकर बड़े भाई को मौत के मुंह से खींच लिया। ये ऐसे उदाहरण हैं जो याद दिलाते हैं कि एक निर्णय, एक हस्ताक्षर और एक साहसिक कदम किसी की बुझती जिंदगी में फिर से उजाला भर सकता है। पिछले तीन वर्षों में यहां किसी ने पति को, किसी ने पत्नी को और किसी ने भाई को किडनी देकर नई जिंदगी दी। तहसील गभाना के गांव दौरऊ की दीपमाला जादौन ने अपने बड़े भाई सुभाष सिंह का जीवन बचाया। वर्ष 2015 में सुभाष सिंह की तबीयत अचानक बिग...
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