योगेन्द्र सागर। गाजियाबाद, नवम्बर 6 -- अपराध की दुनिया में कदम रखकर सनसनीखेज वारदात करने वाले बंदी उम्र के आखिरी पड़ाव में डासना स्थित जिला कारागार में गीता और रामायण का पाठ पढ़ा रहे हैं। डासना स्थित जिला कारागार वैसे तो 1704 बंदियों की क्षमता वाली जेल है, लेकिन गाजियाबाद के अलावा हापुड़ जिले के बंदी भी यहां होने के चलते वर्तमान में यहां क्षमता से करीब ढाई गुना बंदी हैं। इनमें करीब 500 बंदी सजायाफ्ता हैं, जिनमें 140 से अधिक महिलाएं भी शामिल हैं। हत्या के दोषी ठहराए जाने के बाद करीब साढ़े तीन सौ बंदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं, जिनमें 35 से अधिक महिलाएं शामिल हैं। इनमें 70 साल से अधिक उम्र वाले करीब 30 बंदी हैं। जेल प्रशासन के मुताबिक उम्रदराज बंदियों ने अपने कर्मों पर पश्चाताप करते हुए उम्र के आखिरी पड़ाव में धर्म-कर्म कर पुण्य लाभ ...