नई दिल्ली। हेमलता कौशिक, जून 27 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने एक बुजुर्ग को अपनी ही इकलौती औलाद और उसके परिवार की ओर से प्रताड़ित किए जाने पर चिंता जाहिर की है। हाईकोर्ट ने कहा कि 81 वर्षीय बुजुर्ग की पीड़ा इसी बात से समझी जा सकती है कि उसे शौच के लिए भी तसरना पड़ता है, क्योंकि बेटा-बहू शौचालय पर ताला लगा देते हैं। जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने इस मामले में उत्तर-पूर्वी दिल्ली जिले के डीसीपी को निर्देश दिए कि मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना देने वाले बेटे और उसके परिवार को 30 दिन के भीतर बुजुर्ग के घर से बाहर किया जाए। बेंच ने अपने आदेश में कहा कि एक व्यक्ति ताउम्र मेहनत कर एक आशियाना बनाता है और सोचता है कि जीवन के आखिरी पलों में वह सुकून से जीएगा, लेकिन जब खुद की औलाद क्रूर बन जाए तो उसके जीवन के आखिरी पलों की शांति समाप्त हो जाती है। कानून को ऐसे ब...
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