अलीगढ़, जुलाई 31 -- अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। खैर थाना क्षेत्र में 13 साल पहले जमीनी रंजिश में बुजुर्ग की हत्या कर शव को दफनाने के मामले में एडीजे 14 अमित कुमार तिवारी की अदालत ने दोषी को अजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जबकि एक आरोपी को दोषमुक्त किया है। खास बात ये है कि गवाहों के पक्षद्रोही होने के बावजूद अदालत ने शव बरामदगी के आधार पर मुल्जिम को दोषी करार दिया। एडीजीसी रविकांत शर्मा ने बताया कि खैर क्षेत्र के मोहल्ला बहादुरगंज निवासी राजू ने अपने पिता लीलाधर की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। कहा था कि पिता खुशाली बाबा के मंदिर पर रहते थे। 27 दिसंबर 2012 को रोज की तरह वे मंदिर गए थे। वहां उन्होंने रात में खाना भी खाया। अगले दिन वह मंदिर पर नहीं मिले। दो दिन बाद राजू ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराते हुए कहा ...