मधुबनी, मार्च 18 -- ¸मधुबनी। शहरी क्षेत्र में करीब पंद्रह हजार ऐसे बुजुर्ग हैं जिन्हें हर महीने सरकार से 400 रुपये की पेंशन मिलती है। यह पेंशन तीन-तीन महीने की किस्तों में उनके खातों में भेजी जाती है। इसके अलावा हजारों बुजुर्ग पेंशन की आस में टकटकी लगाए बैठे हैं। कई सत्यापन की प्रक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। इनकी पीड़ा है कि घरों में अकेलेपन के साथ अपनों के तिरस्कार का सामना करना पड़ता है, जबकि शहर में कोई ऐसा पार्क या क्लब नहीं, जहां हमउम्र साथियों के साथ बातकर सुकून का पल गुजारा जा सके। बुजुर्गों का कहना है कि सिंगल चाइल्ड और कामकाजी संस्कृति से उनकी परेशानी बढ़ गई है। इसके अलावा किसी काम के लिए दफ्तरों में जाने पर भी उन्हें कोई तरजीह नहीं मिलती है। आमलोगों के साथ कतार में घंटों खड़े होकर अपना काम कराना होता है। दफ्तरों में बाबू छोटे काम के...
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