दरभंगा, जून 11 -- जिले के किसानों में मायूसी का आलम है। इनका कहना है कि सरकार कृषि योजनाओं पर हजारों करोड़ खर्च करती है, पर उसका लाभ किसानों को नहीं मिलता। किसान बताते हैं कि बुआई का समय बीतने के बाद सरकारी बीज मिलता है, जबकि खाद-कीटनाशक के लिए निजी दुकानों में भटकते हैं। किसानों ने नकली खाद-बीज मिलने की भी शिकायत की। बताया कि नकली खाद में कंकड़-पत्थर मिला रहता है। इसका पता किसानों को तब लगता है जब खाद छिड़काव के बाद अगली सुबह खेत देखते हैं। खाद की ऊपरी परत गलने के बाद कंकड़-पत्थर बिखरे मिलते हैं। किसान बताते हैं कि प्रमाणिक लिखे बैग में नकली बीज रहता है। इसकी जानकारी बुआई के बाद पौधा निकलने पर होती है। एक पौधा बड़ा व दूसरे के छोटा होने से गेहूं, धान, मक्का आदि का उत्पादन प्रभावित होता है। किसान बिजली के अभाव में डीजल पंप से पटवन करने पर अधिक ...