रामपुर, सितम्बर 25 -- सहकारिता से जुड़े कर्मचारी बीते सात दिनों से विकास भवन में धरने पर बैठे हैं। कर्मचारियों की वेतन भुगतान, राज्य कर्मचारी की भांति दर्जा दिए जाने की मांगे हैं। स्थानीय स्तर पर अधिकारियों की कार्यशैली से भी परेशान हैं। इसको लेकर बुधवार को समितियों के 173 कर्मचारियों ने राष्ट्रपति को पत्र भेजकर इच्छा मृत्यु मांगी। उनका कहना है कि वे सरकार की उपेक्षा से आहत होकर अपने जीवन का परित्याग करना चाहते हैं। जिले में सहकारिता की 80 समितियां हैं। पूर्व में 64 समितियां थीं, इनमें 16 नई समितियों को जोड़ा गया है। समितियों पर काफी समय से स्टाफ का कमी है। लंबे समय से समिति पर स्टाफ की भर्ती नहीं हुई है। समिति से जुड़े सचिव राज्य कर्मचारी का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि हमसे राज्य कर्मचारी की भांति काम लिया जाता है ...