कुशीनगर, मई 8 -- कुशीनगर। जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ मेनका सिंह ने बताया किजनपद के किसानों बताया कि रबी फसलों के कटाई के बाद खेत की गहरी जुताई करनी आगामी खरीफ की फसलों के लिए अनेक प्रकार से लाभदायक हैं। ग्रीष्म कालीन जुताई मानसून आने से पूर्व मई-जून में की जाती है। ग्रीष्म कालीन जुताई से अनेक लाभ हैं। उन्होंने बताया कि ग्रीष्म कालीन जुताई करने से मृदा की संरचना में सुधार होता है। इससे मृदा की जलधारण की क्षमता बढ़ती है, जो फसलों की बढ़वार के लिए उपयोगी होती है।* खेत की कठोर परत को तोड़ कर मृदा को जड़ों के विकास के लिए अनुकूल बनाने के लिए ग्रीष्म कालीन जुताई अत्यधिक लाभकारी है।* खेत में उगे हुए खरपतवार एवं फसल अवशेष मिट्टी में दबकर सड़ जाते हैं। इससे मृदा में जीवांश की मात्रा बढ़ती है।* मृदा के अन्दर छिपे हुए हानिकारक कीट उनके अण्डे, लार्या...
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