भागलपुर, मई 21 -- भागलपुर, कार्यालय संवाददाता। बीएयू में शहद की गुणवत्ता जांच एवं शुद्धत्ता प्रमाणीकरण के लिए जल्द ही लैब की स्थापना होगी, जो नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग कैलिब्रेशन लेबोरेट्रीज (एनएबीएल) से मान्यता प्राप्त होगी। इसका सीधा लाभ मधुमखी पालकों को अपने उत्पादों को लेकर मिलेगा। मधुमक्खियां कृषि जैव विविधता की रीढ़ हैं, इनका संरक्षण एवं संवर्धन हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। विवि इस दिशा में अनुसंधान एवं नवाचार के माध्यम से निरंतर कार्यरत है। यह बातें बीएयू के कुलपति प्रो. दुनिया राम सिंह ने मंगलवार को अपने संदेश में कही। बीएयू में मंगलवार को विश्व मधुमक्खी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। मधुमक्खी पालन सह शहद उत्पादन इकाई, कीट विज्ञान विभाग द्वारा आयोजन किया गया। इस मौके पर 'मधुमक्खी : प्रकृति का अनुपम उपहार विषय पर सेमिनार-स...