नई दिल्ली, अगस्त 8 -- सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय न्याय संहिता, 2023 के तहत राजद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की। मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया की पीठ ने सेना के पूर्व सैनिक और विशिष्ट सेवा पदक विजेता सेवानिवृत्त मेजर जनरल एस. जी. वोम्बटकेरे द्वारा बीएनएस की धारा 152 (राजद्रोह) की वैधता के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया। शीर्ष अदालत ने इस याचिका को एक लंबित याचिका के साथ जोड़ने का आदेश दिया, जिसमें पूर्ववर्ती भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह) को चुनौती दी गई है, जिसे भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) ने प्रतिस्थापित कर दिया है। बीएनएस की धारा 152 'भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे मे...
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