भागलपुर, जुलाई 10 -- भागलपुर, वरीय संवाददाता। नए आपराधिक कानून बीएनएसएस की धारा 35 के अच्छे से क्रियान्वयन और सात साल से कम सजा वाली धाराओं में दर्ज कांड के आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस की कार्रवाई पर सख्ती ने कोर्ट से निर्गत होने वाले वारंट में काफी कमी आई है। स्थिति यह है कि पहले कोर्ट से प्रत्येक महीने 25 से 30 वारंट निर्गत होते थे जो अब घटकर पांच से दस तक पहुंच गया है। बीएनएसएस की धारा 35 का सख्ती से अनुपालन करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह बदलाव साफ दिख रहा है। गौरतलब है कि बीएनएसएस की धारा 35 पहले के कानून सीआरपीसी की धारा 41 के समतुल्य है। इसके तहत सात साल से कम सजा वाली धाराओं में दर्ज कांडों के आरोपियों की गिरफ्तारी से पहले नोटिस देना जरूरी किया गया है। इसके साथ ही गिरफ्तारी क्यों आवश्यक है यह भी चेक लिस्ट के म...