नई दिल्ली, अक्टूबर 31 -- शरद यादव,वरिष्ठ सांसद, तत्कालीन जनता दल अध्यक्ष जी, मैं आपके माध्यम से एक बात सदन में रखना चाहता हूं कि यह बात तय होनी चाहिए कि चुनाव की प्रक्रिया कितनी लंबी होगी। क्या वह निरंतर एक प्रक्रिया बन जाएगी या उसकी कोई सीमा होगी? जनता दल का सवाल छोड़ दीजिए, इसमें सवाल सिर्फ समय सीमा का है। जो सांविधानिक संस्थाएं हैं, जिनकी मर्यादा की हम बात करते हैं, उनमें भी यह है कि सब लोग देश की लोकशाही को ठीक से चलाएं। मैं निवेदन करना चाहता हूं कि आज सब जगह यह बात चली हुई है कि चुनावों में सुधार होना चाहिए। हम सब सुधार के काम में कई वर्षों से लगे हैं। ...लोकतंत्र कोई ऐबस्ट्रैक्ट चीज नहीं है, उसकी आवाज पार्टी के जरिए ही आती है। मैं सोचता हूं कि जितने भी चुनाव सुधार हुए हैं, क्या कारण है कि उनमें से अकेले जनता दल के बूते पर 95 फीसदी स...
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