पटना, जून 30 -- बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन चुनाव से पहले राज्य में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कराया जा रहा है। वोटर लिस्ट की दोबारा जांच को लेकर बिहार में सियासत भी गरम हो गई है। निर्वाचन आयोग की मंशा है कि छह राज्यों की मतदाता सूची से विदेशी अवैध प्रवासियों को बाहर किया जाए। इसकी शुरुआत बिहार से की जा रही है। हालांकि, विपक्ष ने वोटर लिस्ट की दोबारा जांच की टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि अंतिम बार बिहार में 2003 में मतदाता सूची की दोबारा जांच-पड़ताल की गई थी। इस दौरान वोटरों की पर्याप्त समय दिया गया था ताकि वो अपने कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर सकें।निर्वाचन आयोग का क्या है तर्क इधर वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण को लेकर निर्वाचन आयोग का तर्क है कि पुनरीक्षण इसलिए जरुरी है ताकि नेपाल, बां...
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