हिन्दुस्तान ब्यूरो, जून 30 -- बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के 7.89 करोड़ से अधिक मतदाताओं में 4.96 करोड़ को मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान कोई भी दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है। ये ऐसे मतदाता हैं जो 2003 की विशेष पुनरीक्षण सूची में शामिल थे। इन्हें जन्मतिथि या जन्म स्थान साबित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। उन्हें पुनरीक्षण के बाद प्रकाशित मतदाता सूची का अपने से जुड़े हिस्सा को दिखाना होगा। ऐसे वोटरों का प्रतिशत 60 है। शेष करीब तीन करोड़ यानी 40 प्रतिशत मतदाताओं को जन्म स्थान या जन्म तिथि प्रमाणित करने के लिए 11 सूचीबद्ध दस्तावेजों में से एक दस्तावेज उपलब्ध कराना होगा। चुनाव आयोग से शनिवार को मिली जानकारी के अनुसार, मूल प्रक्रिया यह है कि शेष करीब तीन करोड़ मतदाताओं की पहचान की जाए। उसके बाद ही उनके नाम मतदाता सूची में...