हिन्दुस्तान टीम, सितम्बर 16 -- बिहार में ट्रेनों की जद में आकर मौत का ग्राफ बढ़ा है। सामने आई हाल-फिलहाल की घटनाओं में बहुत से ऐसे मामले हैं, जिनका खुलासा नहीं हो सका है। कुछ महीने पहले तक हत्या कर शव को बोरे में बांध रेलवे ट्रैक पर फेंकने का सिलसिला अब थमा है पर आशंका बढ़ी है कि कहीं रेलवे ट्रैकों पर हो रही दुर्घटनाएं, हत्या कर निबटाने का नया ट्रेंड तो नहीं है? राज्य के अलग-अलग रेल खंडों पर बीते तीन माह के दौरान 100 से अधिक मौत की घटनाएं दर्ज की गई हैं। जीआरपी से लेकर जिले के स्थानीय थानों में इनको लेकर अज्ञात (यूडी) केस दर्ज हुआ है। इनमें कइयों की पहचान नहीं हो सकी है, जबकि कई मामले अनसुलझे हैं। उनकी हत्या हुई या उन्होंने खुद जान दी? लगातार हो रही इस तरह की घटनाएं संदेह पैदा कर रही हैं। बिहार पुलिस के एडीजी (रेलवे) बच्चू सिंह मीणा कहते ...