मुजफ्फरपुर, जुलाई 5 -- मुजफ्फरपुर, मृत्युंजय। बिहार में गर्भवतियों की सबसे अधिक मौत एनीमिया से होती है। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में यह चिंताजनक स्थिति सामने आई है। इस वर्ष अब तक 237 गर्भवतियों की मौत हुई है। इनमें से 17 फीसदी की मौत का कारण एनीमिया रहा है। इसके अलावा 15 फीसदी गर्भवतियों की मौत हेमरेज (प्रसव के बाद अत्यधिक रक्तस्राव) से हुई है। सदर अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सुषमा आलोक ने बताया कि अस्पताल की ओपीडी में आने वाली एनीमिया से पीड़ित गर्भवतियों में हेमोग्लोबिन का स्तर छह से सात ग्राम तक रहता है। श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज में स्त्री व प्रसूती रोग विशेषज्ञ डॉ विभा वर्मा ने बताया कि यहां हर महीने एनीमिया से ग्रसित गर्भवती आती हैं। पांच से सात फीसदी को तत्काल खून चढ़ाना पड़ता है। इन गर्भवतियों को पांच यूनिट तक खून की जरूरत पड...