हिन्दुस्तान ब्यूरो, जून 18 -- बिहार के गरीबों को घर के लिए जमीन देने में अफसरों ने खूब मनमानी की है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की जांच में इसका खुलासा हो रहा है। पूरी रिपोर्ट आने के बाद विभाग से जुड़े दर्जनों अंचलाधिकारी और राजस्व अधिकारियों पर गाज गिरनी तय है। विभाग इस प्रकरण में अब तक आधा दर्जन कर्मियों पर कार्रवाई कर चुका है। विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार अभियान बसेरा-दो के तहत सुयोग्य श्रेणी के भूमिहीन परिवारों को 5 डिसमिल तक जमीन वास के लिए देती है। इस अभियान के तहत सवा लाख परिवारों का सर्वेक्षण किया गया, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने इनमें से लगभग 52 फीसदी परिवारों को जमीन के लिए योग्य नहीं (नॉट फिट फॉर लैंड अलॉटमेंट) बता दिया। बड़ी संख्या में जब यह स्थिति उत्पन्न हुई तो विभाग को आशंका हुई कि कहीं जान-बूझ...