नई दिल्ली, अक्टूबर 7 -- बिहार विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही समीकरणों पर बातें तेज हो गई हैं। कौन किसके साथ जाएगा और कौन किसके खिलाफ मतदान करेगा, इस पर चर्चाएं तेज हैं और हर खेमा अपने साथ बड़े वोटबैंक को लाने की कोशिश में है। कभी राज्य में 18 फीसदी मुसलमानों की बात होती है तो वहीं 14 फीसदी यादव समुदाय भी एक बड़ा वोटबैंक है। लेकिन आरजेडी 2005 के बाद से ही अपने दम पर यदि सत्ता में नहीं आ पा रही है तो इसकी वजह है कि वह यादव और मुसलमान समीकरण से आगे नहीं बढ़ पाई है। इसका कारण यह रहा है कि 18+14 वाले इस वोट को साधने के बाद वह अधिकतम 32 फीसदी वोट सुनिश्चित कर लेती है। इसमें भी कुछ वोट कटता जरूर है। वहीं नीतीश कुमार और भाजपा के पास गैर-यादव ओबीसी छिटकता रहा है। यही नहीं नीतीश कुमार ने जब इस ओबीसी में भी विभाजन करके ईबीसी वर्ग तैयार किया तो वह ...