नई दिल्ली, मई 25 -- नई दिल्ली। बिहार चुनाव में कांग्रेस के सामने अपना स्ट्राइक रेट सुधारने की चुनौती है। इसके लिए पार्टी राज्य में अपने पुराने सहयोगी राजद के साथ गठबंधन के बावजूद खुद को मजबूत बनाने में जुटी है। पार्टी जनाधार बढ़ाने की कोशिश कर रही है, ताकि, विधानसभा में उसका स्ट्राइक रेट बढ़ सके। इसका लाभ पार्टी को लोकसभा में भी मिलेगा। वर्ष 2020 विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के मामूली अंतर से बहुमत के आंकड़े से पीछे रह जाने के लिए कांग्रेस के खराब स्ट्राइक रेट को जिम्मेदार ठहराया गया था। इन चुनाव में पार्टी ने 70 सीट पर चुनाव लड़कर सिर्फ 19 सीट हासिल की थी। पार्टी का स्ट्राइक रेट सिर्फ 27 फीसदी था। वहीं, वामदलों ने इन चुनावों में 29 में से 16 सीट पर जीत दर्ज की थी। उनका स्ट्राइक रेट कांग्रेस से दोगुना यानी 55 प्रतिशत था। ऐसे में चुनाव से ...