पटना, अक्टूबर 4 -- तीन साल से सस्पेंड चल रहे आईपीएस आदित्य कुमार को बिहार चुनाव से पहले बड़ी राहत मिली है। राज्य सरकार ने उन्हें निलंबन मुक्त कर दिया है। लेकिन डीजीपी को हाई कोर्ट जज के नाम पर फर्जी कॉल कराने के आरोपों की विभागीय जांच चलती रहेगी। आईपीएस आदित्य कुमार पर साल 2022 में गंभीर आरोप लगे थे। अक्टूबर 2022 में उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया था। अब तीन साल बाद उन्हें राहत देते हुए गृह विभाग ने शुक्रवार को आदेश जारी किया है। जिसके मुताबिक 3 अक्टूबर 2025 से आदित्य कुमार निलंबनमुक्त रहेंगे और उन्हें बिहार पुलिस मुख्यालय में पदस्थापन की प्रतीक्षा में योगदान देने को कहा गया है। आदित्य कुमार वर्ष 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। मूल रूप से यूपी के मेरठ के निवासी हैं। अवैध शराब से जुड़े एक मामले में गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्...