लखनऊ, नवम्बर 8 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में फिर बिजली दर बढ़ाने और निजीकरण की कोशिश होगी। इसके लिए नियामक आयोग पर दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अंदर ही अंदर दरों में इजाफे और निजीकरण की कवायद जारी है। बस मुफीद समय का इंतजार किया जा रहा है। इन्हीं कोशिश में बिजली दरें घोषित करने की संवैधानिक बाध्यता की मियाद को भी तोड़ दिया गया। विद्युत अधिनियम के मुताबिक वार्षिक राजस्व आवश्यकता स्वीकार करने के 120 दिनों के भीतर नई दरें घोषित हो जानी चाहिए। यह मियाद 9 सितंबर को ही पूरी हो चुकी है। अब 180 दिन बीत चुके हैं, लेकिन दरें घोषित नहीं हुईं। देश में ऐसा कभी नहीं हुआ।

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