मुजफ्फरपुर, अप्रैल 26 -- बिहार के मुजफ्फरपुर में बीते एक जनवरी से 24 अप्रैल के बीच 100 दिनों में आवारा कुत्तों ने 5000 लोगों को काटा। रोज औसतन 50 लोग कुत्तों का शिकार हो रहे हैं। यह तो सिर्फ सदर अस्पताल का आंकड़ा है, ऐसे पीड़ित लोग भी हैं, जिनका इलाज प्राइवेट क्लिनिक या अस्पताल में हुआ है। आवारा कुत्तों का आतंक जब चरम पर पहुंच गया, तब निगम की नींद टूटी और डॉग कैचर हरकत में आया है। बता दें कि दो साल पहले मिठनपुरा इलाके में कुत्तों के हमले में मासूम एंजल की मौत के बाद डॉग कैचिंग वाहन खरीदा गया। हालांकि इसका इस्तेमाल कुत्तों को पकड़ने के बदले अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान जब्त सामान ढोने में होता रहा। नतीजतन शहर की सड़कों पर आवारा कुत्तों की संख्या और आतंक का दायरा लगातार बढ़ता गया। मेन रोड व बाजार से लेकर रिहायशी इलाकों के गली-मोहल्लों तक आ...