छपरा, फरवरी 24 -- गंगा, गंडक और घाघरा नदी से घिरा सारण का इतिहास गौरवशाली रहा है। यह इलाका लोकनायक जेपी के संपूर्ण क्रांति से प्रभावित रहा तो भोजपुरी के लोक कलाकार और गायक भिखारी ठाकुर की जन्मभूमि भी है। पुरातात्विक स्थल चिरांद में हुई खुदाई में नव-पाषाण काल तथा ताम्र युग में आबाद होने के अवशेष मिले थे। सोनपुर मेला विश्वप्रसिद्ध है। क्षेत्र में मशहूर मॉर्टन टॉफी फैक्ट्री और चीनी मिल बंद हो चुकी है। उपजाऊ और समतल इलाके के रूप में मशहूर सारण संसदीय क्षेत्र का चुनावी संग्राम सीधा और आमने-सामने का रहा है। एक-दो चुनाव को छोड़ अब तक मुकाबले में दो ही प्रत्याशी रहे। यहां मुकाबले का तीसरा कोण नहीं बनता। जातीय गोलबंदी के बीच कांटे के मुकाबले में अनुमान लगाना कठिन होता है कि जीत किसकी होगी। पिछले 28 साल से चुनावी संग्राम में एक कोण राजीव प्रताप रूड...