बांका, जून 17 -- कटोरिया (बांका) निज प्रतिनिधि। श्रावणी मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि बिहार और झारखंड को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक डोर में जोड़ने वाला एक ऐसा महापर्व है, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं को सुल्तानगंज से देवघर की ओर खींच लाता है। सावन माह की पहली तारीख से लेकर पूरे महीने भर चलने वाला यह मेला श्रद्धा, आस्था और समर्पण का प्रतीक है। लगभग 108 किलोमीटर की इस यात्रा में 54 किलोमीटर की सबसे लंबी दूरी बांका जिले में ही तय की जाती है। जिससे मेले की तैयारी को लेकर जिला प्रशासन की जिम्मेदारी स्वाभाविक रूप से अधिक हो जाती है। श्रावणी मेले की शुरुआत में अब महज 24 दिन शेष रह गए हैं, लेकिन तैयारियों की सुस्ती कांवरियों की यात्रा में रोड़ा बनती नजर आ रही है। विशेषकर कच्ची कांवरिया पथ, जो श्रद्धालुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण मार्ग है, उस...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.