नई दिल्ली, अक्टूबर 9 -- नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन कोई कसर छोड़ना नहीं चाहता है। मुस्लिम यादव (एमवाई)समीकरण के साथ महागठबंधन दूसरी जातियों को जोड़ने की भी तैयारी में जुटा है। महागठबंधन की नजर अत्यंत पिछड़ा वर्ग के साथ दलित मतदाताओं पर है। क्योंकि, एमवाई के साथ अपने वोट में दूसरी जातियों का वोट जोड़े बगैर चुनावी जीत की दहलीज तक पहुंचना आसान नहीं है। प्रदेश की राजनीति में अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) की काफी अहमियत है। आंकड़े बताते हैं कि ओबीसी की तादाद जहां 27 प्रतिशत है, वहीं अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) 36 फीसदी है। यही वजह है कि महागठबंधन ईबीसी के लिए अति पिछड़ा संकल्प जारी किया है। वहीं, ओबीसी के लिए आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा खत्म करने का वादा किया है। इसके साथ महागठबंधन के स...