नई दिल्ली, सितम्बर 15 -- नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन से इस मामले आने वाले फैसले पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि 'एसआईआर में यदि कोई भी अनियमितता पाई जाती है तो वह मतदाता सूची को अंतिम रूप दिए जाने के बावजूद भी इसमें हस्तक्षेप करेगा और जरूरत पड़ने पर प्रक्रिया को भी रद्द कर सकता है। इससे पहले भी, शीर्ष अदालत ने कई मौके पर याचिकाकर्ताओं को भरोसा दिलाया है कि यदि इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ियां सामने आने पर एसआईआर की पूरी प्रक्रिया को रद्द कर देंगे। जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची कीपीठ ने एसआईआर को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई 7 अक्टूबर तक के लिए स्थगित करते हुए यह टिप्पणी की है। जस्टिस सूर्यकांत ने य...